टाटा पावर-डीडीएल के बारे में
टाटा पावर-डीडीएल राजधानी में बिजली वितरण सुधारों को लागू करने में अग्रणी रही है और इसे उपभोक्ता-अनुकूल प्रणालियों के लिए जाना जाता है। निजीकरण के बाद, टाटा पावर-डीडीएल क्षेत्रों में कुल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीएंडसी) के नुकसान में रिकॉर्ड गिरावट आई है। एटीएंडसी हानि वितरण व्यवसाय की समग्र दक्षता को मापने का एक तरीका है जो सिस्टम में यूनिट्स के इनपुट और जितने यूनिट्स के लिए भुगतान संग्रह किया गया है, के अंतर को कहा जाता है। आज एटीएंडसी हानि का स्तर 8.59% है, जिसमें जुलाई 2002 में 53% के शुरुआती हानि के स्तर से 84% की अभूतपूर्व कमी आई है। टाटा पावर-डीडीएल को दिल्ली में कई चीजें: एसीएडीए नियंत्रित ग्रिड स्टेशंस, आटोमैटिक मीटर रीडिंग, जीएसएम आधारित स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम, एसएमएस आधारित फॉल्ट मैनेजमेंट सिस्टम आदि को पहली बार लागू करने का श्रेय जाता है। टाटा पावर-डीडीएल ने अपनी स्मार्ट ग्रिड भी शुरू किया है और देश में ऑटोमेटेड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर आधारित ऑटो डिमांड रिस्पांस प्रोग्राम शुरू करने वाली पहली यूटिलिटी है, जो सर्वोच्च मांग और ग्रिड पर दबाव को प्रबंधित करने में मदद करेगा।
टाटा पावर-डीडीएल का दृष्टिकोण
भारत में सोलर रूफटॉप समाधान पर विशेष ध्यान देने के साथ नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से टाटा पावर-डीडीएल ने कई पहल की हैं और उद्योग में अपनी उपस्थिति महसूस कराई है, जैसा कि नीचे उल्लिखित है।
सौर परियोजनाओं पर अध्ययन:
वर्ष 2014 में टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टाटा पावर-डीडीएल) को यूएस ट्रेड एवं डेवलपमेंट एजेंसी (यूएसटीडीए) से "बिज़नेस मॉडल्स फॉर डिस्ट्रिब्यूटेड एनर्जी रिसोर्सेस डेप्लायमेंट" पर व्यवहार्यता अध्ययन पूरा करने के लिए अनुदान मिला। टाटा पावर-डीडीएल ने इसके अध्ययन के लिए सैन फ्रांसिस्को की मान्यता प्राप्त ऊर्जा परामर्श एजेंसी एनर्जी एंड एनवॉयरनमेंटल इकोनॉमिक्स (ई3) के साथ काम किया।
अध्ययन का मुख्य उद्देश्य:
इस अध्ययन का उद्देश्य टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड को विभिन्न वितरित ऊर्जा संसाधनों जैसे रूफटॉप सोलर पीवी, मांग प्रतिक्रिया और भंडारण विकल्पों की पहचान करना और उन्हें कार्यान्वित करने में सहायता करना था:
- रूफटॉप सोलर पीवी पर जोर देने के साथ डीईआर के लिए व्यावसायिक मामला विकसित करना
- नेटवर्क सुदृढ़ीकरण, विश्वसनीयता, पर्यावरण स्थिरता में सुधार
- नवीकरणीय और हरित ऊर्जा फुटप्रिंट को बढ़ाना
- अधिकतम भार को ऑफ़सेट करने के लिए कोयले के अलावा अन्य संसाधनों की पहचान करना
- रूफटॉप सोलर पीवी के लिए नियामकीय रोडमैप विकसित करना
अध्ययन रिपोर्ट को डाउनलोड करने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें:
ई 3 स्टडी रूफटॉप सोलर प्रेजेंटेशनरूफटॉप सोलर को बढ़ावा देने के लिए टाटा पावर-डीडीएल की नीति
भारत के दिल्ली में सोलर रूफटॉप समाधान को सफल बनाने के अपने प्रयास के तहत् टाटा पावर-डीडीएल अपने उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर परियोजना के कार्यान्वयन के लिए अपनी सेवाएं प्रदान करती है। माननीय आयोग ने टाटा पावर-डीडीएल के प्रस्ताव को स्वीकार किया है और सोलर प्रोजेक्ट्स के इसके प्रस्तावित पहल को मंजूरी दी है, जो नियत विनियमों के साथ-साथ गुणवत्ता और सुरक्षा मानदंडों के मानकीकरण और समान अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
ब्रांड लीडरशिप
टाटा पावर-डीडीएल को सोलर पीवी परियोजनाओं को अपनाने के लिए इक्रा से "सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सिस्टम एकीकरण ग्रेडिंग" के रूप में एसपी 1ए (सोलर पावर वन ए के रूप में उच्चारण) की उच्चतम रेटिंग का सम्मान मिला है, जो टाटा पावर-डीडीएल की 'उच्चतम प्रदर्शन क्षमता' और 'उच्चतम वित्तीय सुदृढ़ता' को दर्शाता है। टाटा पावर-डीडीएल एसपी1 ए रेटिंग के साथ नवीन एवं नवीनीकृत ऊर्जा मंत्रालय का एकमात्र यूटिलिटी साझेदार है।