• वितरित ऊर्जा संसाधनों का एकीकरण

    वितरित ऊर्जा संसाधनों का एकीकरण

    टाटा पावर-डीडीएल उत्तर व उत्तर-पश्चिम दिल्ली के 70 लाख से अधिक निवासियों को निर्बाध बिजली आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम पक्षधारकों पर केंद्रित आईटी-ओटी व स्मार्ट ग्रिड गतिविधियां लागू करते हैं। पीक लोड का बेहतर प्रबंधन और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर हम 'वितरित ऊर्जा संसाधनों का एकीकरण' करने के लिए टेक्नोलॉजी पार्टनर्स के साथ सहयोग कर रहे हैं। बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) इंस्टॉल करने से लेकर लाइव पीयर-टु-पीयर (पी2पी) सोलर एनर्जी ट्रेडिंग और शहरी माइक्रो ग्रिड लगाने तक हम कई टेक्नोलॉजी पहली बार अपना रहे हैं जिससे पीक लोड का बेहतर प्रबंधनए सिस्टम में लचीलापन और हमारे उपभोक्ताओं को विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

    दक्षिण एशिया का पहला 10 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस)

    टाटा पावर-डीडीएल ने एईएस और मित्सुबिशी के साथ मिलकर रोहिणी ग्रिड-24 में दक्षिण एशिया का पहला 10 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) इंस्टॉल किया है जो डिस्कॉम व उपभोक्ताओं को डिमांड साइड मैनेजमेंट, फ्रीक्वेंसी नियमन और मुख्य उपभोक्ताओं को आपूर्ति विश्वसनीयता सुनिश्चित करने जैसे फायदे पहुंचा रहा है।

    टाटा पावर-डीडीएल पर बीईएसएस के उपयोग

    • डिमांड साइड मैनेजमेंट/पीक घटाना - पीक डिमांड की अवधि के दौरान बिजली की मांग कम करने के लिए एनर्जी स्टोरेज का उपयोग करना।
    • बिजली की खरीद-फरोख्त – स्टोरेज सिस्टम को चार्ज करने के लिए ऑफ-पीक समय के दौरान कम कीमत पर बिजली खरीदना जिससे स्टोर की गई बिजली को कीमत बढ़ने पर बाद में बेचा जा सके। इसके कभी-कभी इलेक्ट्रिक एनर्जी टाइम शिफ्ट भी कहा जाता है।
    • सहायक बाज़ारों के लिए फ्रीक्वेंसी नियमन – फ्रीक्वेंसी को टॉलरेंस बैंड्स में बनाए रखने के लिए नियंत्रण वाले क्षेत्रों के बीच इंटरचेंज प्रवाह का प्रबंधन करना।
    • नवीकरणीय ऊर्जा पर पकड़ – लगाए गए अनुमान के करीब बिजली आपूर्ति करने के लिए एनर्जी स्टोरेज को पवन व सौर ऊर्जा के साथ उपयोग करना।
    • ट्रांसमिशन/डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम स्थगन – नई उत्पादन/डिस्ट्रिब्यूशन संयंत्र बनाने की ज़रूरत को कम करना और/या स्थगित करना।

    स्मार्ट ग्रिड लैब

    टाटा पावर-डीडीएल ने भारत में एक अनूठी स्मार्ट ग्रिड लैब स्थापित की है जिसमें भविष्य को ध्यान में रखकर विकसित की गई एडवांस्ड डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम, सेल्फ हीलिंग ग्रिड, ऑटोमेटेड डिमांड रिसपॉन्स ग्रिड ऑप्टिमाइज़ेशन, होम ऑटोमेशन, बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम जैसी टेक्नोलॉजीज़ प्रदर्शित की गई हैं। हाल में इसे भारत सरकार ने इन-हाउस आरऐंडडी यूनिट के तौर पर सम्मानित किया है।

    ब्लॉकचेन इनेबल्ड पीयर-टु-पीयर (पी2पी) एनर्जी ट्रेडिंग

    आईएसजीएफ और पावर लेजर के साथ मिलकर टाटा पावर-डीडीएल निम्नलिखित उद्देश्य हासिल करने के लिए दिल्ली में एक अनूठे प्रकार का पायलट प्रोजेक्ट आयोजित कर रही है:

    • अपने नेटवर्क में चयनित की गई टाटा पावर-डीडीएल की साइटों पर प्रोज्यूमर्स और उपभोक्ताओं के लिए पी2पी एनर्जी ट्रेडिंग की तकनीकी व्यवहार्यता और लागत की जांच करना।
    • दिल्ली में ब्लॉकचेन इनेबल्ड पीयर-टु-पीयर (पी2पी) एनर्जी ट्रेडिंग के लिए एक उपयुक्त बिज़नेस मॉडल विकसित करना।

    इस परियोजना में टाटा पावर-डीडीएल की अपनी इमारतों व प्रोज़्यूमर्स समेत 100 से अधिक जगह प्रतिभागिता कर रही हैं।

    अर्बन या शहरी माइक्रो ग्रिड

    टाटा पावर-डीडीएल दिल्ली के सिविल लाइंस में स्थित सैंट ज़ेवियर्स स्कूल में एक अर्बन या शहरी माइक्रो ग्रिड-"इंटीग्रेटेड लोकल एनर्जी सिस्टम्स (एनर्जी आइलैंड्सद्ध)" स्थापित कर रही है। यह एच2020: आईइलेक्ट्रिक्स-शक्ति प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसके लिए वित्तीय मदद यूरोपीय संघ के हॉराइज़न 2020 रिसर्च ऐंड इनोवेशन प्रोग्राम के तहत उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें बैटरी एनर्जी स्टोरेज (274 किलोवाट आवर), स्मार्ट ग्रिड्स, रूफटॉप सोलर के ज़रिए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादनए ग्रिड डिजिटलाइज़ेशन, लोकल एनर्जी कमोडिटीज़ और डिमांड साइड प्रतिक्रिया को प्रदर्शित किया गया है।

    कम्युनिटी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम

    टाटा पावर-डीडीएल ने रानी बागए दिल्ली में भारत के पहले ग्रिड कनेक्टेड-कम्युनिटी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (सीईएसएस) को बिजली देने के लिए नेक्सचार्ज के साथ हाथ मिलाया है। रानी बाग सबस्टेशन पर लगा 150 किलोवाट/528 किलोवाट आवर क्षमता का सीईएसएस डिस्ट्रिब्यूशन स्तर पर आपूर्ति की विश्वसनीयता को बेहतर कर डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफॉर्मर्स पर पड़ने वाले पीक लोड को कम करेगा।