क्लब एनर्जी
जलवायु परिवर्तन प्रभाव : भावी पीढ़ी को जागरूक करना
-
370
स्कूलों तक पहुँचे -
55000
विधार्थियों को
संवेदनशील बनाया -
270 सरकारी, 100 सार्वजनिक
स्कूलों
तक पहुँचे
प्राकृतिक संसाधनों और सीमित मात्रा में उपलब्ध जीवाश्म ईंधन पर बढ़ते दबाव के बीच, 'बिजली बचाने से ही बिजली पैदा होती है’, यह स्थायी विकास का मंत्र बन गया है। जलवायु परिवर्तन प्रभाव को कम करने के लिए टाटा पावर-डीडीएल ने ऊर्जा संरक्षण तकनीकों के बारे में स्कूली छात्रों को जागरूक करने का कार्यक्रम शुरू किया है। कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से मुकाबला के लिए हमने अपना युवा हीरो बनाया है। ऊर्जा और संसाधन संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और विद्युत सुरक्षा के उपाय वाली एक द्विभाषी ऊर्जा संरक्षण पुस्तिका प्रत्येक वर्ष प्रत्येक सदस्य छात्र को वितरित की जाती है। एक वार्षिक समारोह - ऊर्जा मेला का आयोजन किया जाता है, जिसमें ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में इनोवेशन की दिशा में बच्चों के योगदान की पहचान की जाती है।
हरित एक पहल - हरे भरे क्षेत्र का विकास
-
1 लाख
से अधिक
पौधों
का रोपण -
40%
पौधों के
जीवित रहने
की दर -
इन-हाउस
विकसित
नर्सरी
दिल्ली को हरा-भरा बनाने के प्रयास में, हम टाटा पावर-डीडीएल में, "हरित एक पहल" के तहत मेगा पौधारोपन अभियान आयोजित करते हैं। वारेट बफेट की उक्ति "कोई आज छाया में बैठा है क्योंकि किसी ने काफी पहले पौधा लगाया था" का अनुसरण करते हुए, पिछले साल की प्रवृत्ति को जारी रखते हुए वर्ष 2020-21 में 32,400 पौधे लगाए गए। इन पौधों को विभिन्न स्कूलों, आरडब्ल्यूए, पार्क, पुलिस स्टेशन, सीआरपीएफ परिसर और टाटा पावर-डीडीएल के विभिन्न कार्यालय स्थलों पर लगाए गए हैं। लगाए गए इन पौधों को वन विभाग और दिल्ली पार्क्स एंड गार्डन सोसाइटी की नर्सरी से खरीदे गए थे। आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए, टाटा पावर-डीडीएल विभिन्न प्रकार के पौधे के साथ अपनी नर्सरी विकसित करने की प्रक्रिया में है।