ग्रीनहाउस गैसों के वैश्विक उत्सर्जन में बहुत अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है और इसमें जीवाश्म ईंधनों पर निर्भर रहने वाले विद्युत संयंत्रों का बड़ा योगदान है। 2005 से लेकर अभी तक भारत का कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन दोगुना हो गया है और इसकी वजह कोयले के उपयोग में आई ज़बरदस्त तेज़ी है। हालांकि, भविष्य में यह बढ़ोतरी कम होने का अनुमान लगाया गया है। देश ने 2005 के स्तर की तुलना में 2030 तक ''उत्सर्जन तीव्रता'' में 33-35% कटौती करने का संकल्प लिया है। नवीकरणीय/अक्षय ऊर्जा उत्पादन में आई तेज़ी से पारंपरिक ईंधनों से बिजली उत्पादन करने की दर 2019 में घटी है।
भविष्य में अधिक से अधिक संख्या में उपभोक्ता अपने लिए बिजली उत्पादन किया करेंगे और वे उपभोक्ता यानी कंज़्यूमर से प्रोज़्यूमर यानी उत्पादक व उपभोक्ता बन जाएंगे। इलेक्ट्रिक व्हीकल, नवीकरणनीय ऊर्जा, व्यावसायिक या घरेलू बिजली भंडारण और हीट पंप जैसी कम कार्बन टेक्नोलॉजी से हमारे शहरों व कस्बों की वायु गुणवत्ता में क्रांतिकारी परिवर्तन आने वाला है।
टाटा पावर-डीडीएल इस क्रांति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और साथ ही इसे संभवत निम्नतम दर पर रखकर अपने उपभोक्ताओं का ध्यान भी रखना चाहती है।
स्मार्ट ग्रिड की पांच मुख्य टेक्नोलॉजी प्राथमिकता निम्नलिखित हैं:
- स्मार्ट मीटरिंग ईकोसिस्टम
- एडवांस्ड कम्युनिकेशंस सिस्टम
- डिस्ट्रिब्यूशन एनर्जी रिसोर्सेज़द्ध इंटीग्रेशन (डीईआर)
- पीयर-टू-पीयर एनर्जी ट्रेडिंग सिस्टम
- इलेक्ट्रिक वाहन तैयार करना और उनके उपयोग को बढ़ावा देना
निगरानी व नियंत्रण
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हमारे जटिल नेटवर्कों के प्रबंधन और उन्हें दक्ष बनाने के लिए हम बेहद परिष्कृत तरीके विकसित कर रहे हैं जिससे हम नेटवर्कों से मिलने वाले डेटा का विश्लेषण कर सकें।
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2020 से 2024 तक स्मार्ट ग्रिड डेटा एनालिटिक्स बाज़ार में 25% बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। आधुनिक औद्योगिक व्यवस्था में डेटा एनालिटिक्स/विश्लेषण बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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टाटा पावर-डीडीएल उत्तर व उत्तर-पश्चिम दिल्ली में अपने 70 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम पक्षधारक केंद्रित आईटी व ओटी और स्मार्ट ग्रिड गतिविधियां करते हैं।
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टाटा पावर-डीडीएल कई टेक्नोलॉजी पार्टनरों के साथ मिलकर डिस्ट्रिब्यूटेड एनर्जी रिसोर्स इंटीग्रेशन, पर काम कर रही है जिससे पीक लोड का बेहतर प्रबंधन और विश्वसनीय बिजली की आपूर्ति की संभव हो सके।
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टाटा पावर-डीडीएल वहनीयता लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्ध है और आरपीओ व कई अन्य स्वच्छ ऊर्जा गतिविधियों के ज़रिए अपने कार्बन फुटप्रिंट्स घटाने की दिशा में निरंतर कार्यरत है।.
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इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स पर बढ़ती निर्भरता के बीच किसी भी संगठन के परिचालन के लिए महत्वपूर्ण जानकारी को सुरक्षित रखना बहुत आवश्यक हो जाता है।
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टाटा पावर-डीडीएल को कस्टमर डिलाइट व हैप्पीनेस इंडेक्स में 96 का असाधारण स्कोर मिला है। हमारी सभी गतिविधियों के पीछे की प्रेरणा उपभोक्ताओं की सुविधा होती है।
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स्मार्ट ग्रिड क्या होती है?
स्मार्ट ग्रिड, एक साइलो में परिचालन करने वाली सभी टेक्नोलॉजीज़ के इंटीग्रेशन, ऑटोमेशन और रियल टाइम कम्युनिकेशन में सशक्त बनाती है जिससे इलेक्ट्रिक ग्रिड का बेहतर ढंग से परिचालन किया जा सके। इसमें बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन से लेकर बिजली वितरण तक सभी शामिल हैं।
स्मार्ट ग्रिड क्या करती है?
आज के समय में बिजली आपूर्ति में बाधा जैसे ब्लैकआउट के दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं- जिससे बैंकिंग, कम्युनिकेशंस, ट्रैफिक व सिक्योरिटी प्रभावित होने की एक सीरीज़ शुरू हो सकती है। स्मार्ट ग्रिड से इलेक्ट्रिक पावर सिस्टम को मज़बूती मिलेगी और वह ऐसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तैयार होगी।
रियल टाइम में दो-तरफा कम्युनिकेशन ही स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजी की टोन होती है जो विभिन्न वितरित उत्पादन स्रोतों से पूर्वानुमान लगाना, शेड्यूलिंग को अनुकूल करना जैसी गतिविधियां संभव बनाती है। डिस्ट्रिब्यूशन के बारे में बात करें तो बिजली की आवश्यकता को बेहतर बनाना, नेटवर्क आकार को बेहतर करना, आउटेज की जानकारी व बिजली आपूर्ति की बहाली करना और उपभोक्ताओं से जुड़ने में मदद करना। हर साल इसका आकार बढ़ाना जिससे इसकी मदद व यूटिलिटी की विभिन्न गतिविधियों में सुधार के लिए नए ऐप्लिकेशंस जोड़े जा सकें और यही बात 'स्मार्ट ग्रिड' को सुनिश्चित करती है। एक स्मार्ट ग्रिड डिमांड के बेहतर प्रबंधन की ऐप्लिकेशंस को अनुमति देगी जो अनिवार्य रूप से वितरित उत्पादन का विस्तार करती हैं और यूटिलिटी ऑपरेटर की रियल टाइम जानकारी देकर- एक दिन पहले या लंबी अवधि के लिए संसाधन उपयोग योजना बनाने में मदद करती हैं।
स्मार्ट यूटिलिटी की तरफ कदम
- स्मार्ट ग्रिड - एक स्मार्ट दुनिया के लिए ऊर्जा समाधानDownload
- टाटा पावर-डीडीएल का लर्निंग सेंटर - बिजली क्षेत्र में पसंदीदा लर्निंग एंड डेवलपमेंट सेंटरDownload
- स्टाल पोस्टर - इस पीडीएफ को देखें और हमारे स्टॉल में प्रदर्शित अभूतपूर्व तकनीकों पर एक नज़र डालेंDownload
प्रेस विज्ञप्ति
- स्मार्ट मीटरिंग टेक्नोलॉजीज के लिए टाटा पावर-डीडीएल और सीमेंस पार्टनरDownload
- टाटा पावर-डीडीएल सूचना सुरक्षा लेखा परीक्षा संगठन के रूप में सीईआरटी-इन पैनल प्राप्त करने वाली देश की पहली बिजली वितरण उपयोगिता बन गई है। Download
- टाटा पावर-डीडीएल ने एआई-सक्षम स्मार्ट एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम को तैनात करने के लिए ऑटोग्रिड के साथ हाथ मिलाया Download
- टाटा पावर-डीडीएल की स्मार्ट ग्रिड लैब को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'इन-हाउस आर एंड डी यूनिट' के रूप में मान्यता दी गई है। Download
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- टाटा पावर-डीडीएल ने लाइव पीयर-टू-पीयर (पी2पी) सोलर एनर्जी ट्रेडिंग शुरू कीजो दिल्ली में अपनी तरह का पहला पायलट प्रोजेक्ट है। Download
- टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन ने भारत के पहले ग्रिड कनेक्टेड कम्युनिटी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम को पावर देने के लिए नेक्सचार्ज के साथ गठजोड़ किया है Download
- टाटा पावर-डीडीएल ने नई दिल्ली में स्वैप पॉइंट्स का एक नेटवर्क स्थापित करने के लिए सन मोबिलिटी के साथ साझेदारी की Download
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