• संजीवनी

    मोबाइल डिस्‍पेंसरी: स्वस्थ समुदाय का निर्माण

    • 5 मोबाइल

      डिस्‍पेंसरी
    • 1 लाख

      लाभार्थी
      वर्ष 2021 में
    • 5 लाख

      लाभार्थी
      वर्ष 2021 में

    6 साल की रजनी से लेकर 60 साल की विनीता में साफ-सफाई के अभाव और अस्‍वस्‍थकर रहन-सहन की वजह से उनका स्‍वास्‍थ्‍य सूचकांक खराब रहता था। अपनी उम्र और अस्पताल/क्लिनिक तक अकेले यात्रा करने में असमर्थ होने की वजह से उन्हें और दिक्कत होती थी। टाटा पावर-डीडीएल में सुरक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य को प्रमुखता से महत्व दिया जाता है। इस विज़न के अनुरूप, हमने झुग्गी झोंपड़ी कॉलोनियों, पुनर्वास कॉलोनियों, अनाधिकृत कॉलोनियों और गांवों में रहने वाले लोगों के लिए मोबाइल डिस्‍पेंसरी शुरू की।

    इन इलाकों में साल भर नियमित अंतराल पर विजिट करने के लिए चार मोबाइल डिस्‍पेंसरी आवंटित किए गए। प्रत्येक वैन में एक डॉक्टर, एक फार्मास्स्टि और परामर्श सेवाएं देने के लिए एक महिला काउंसलर होती हैं, जो इन कॉलोनियों के निवासियों को मुफ्त में परामर्श एवं दवाएं मुहैया कराती हैं। हमारी बदलाव दूत- आभा इन वैनों की विजिट के समन्वय में हमारा सहयोग करती हैं।

    शुद्ध (प्‍योर) : आरओ का शुद्ध पानी

    • 83

      आरओ प्लांट्स
    • 300 लीटर

      पानी प्रति माह
      प्रति घर
    • 3.78 लाख

      लोगों तक
      शुद्ध पानी
      उपलब्ध कराना

    प्रदूषित पानी के इस्तेमाल से कई तरह की जल-जनित बीमारियां, जैसे डायरिया, टाइफाइड आदि का खतरा रहता है। झुग्गी झोंपड़ी कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के बीच निरंतर इस बीमारी के प्रकोप का भय रहता है, खासतौर पर बारिश के दिनों में। टाटा पावर-डीडीएल ने टाटा प्रोजेक्ट्स के सहयोग से स्किड माउंटेड आरओ प्‍यूरीफिकेशन यूनिट की डिजाइन और उसका विकास किया है, जिसकी क्षमता 500 लीटर प्रति घंटे (एलपीएच) की है। यह संयंत्र उच्च टीडीएस, फ्लूराइड्स और अन्य प्रदूषणों को हटाने में मदद करते हैं और समुदाय को सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति करते हैं। हमने औद्योगिक किस्म के आरओ (रिवर्स ऑस्‍मोसिस) प्लांट्स के साथ ही एटीडब्‍ल्यू (एनी टाइम वॉटर) मशीनें भी स्‍थापित की हैं। झुग्गी झोंपड़ी कॉलोनियों में रहने वाले परिवारों को इस योजना के लिए पंजीकरण करना होता है, जिसके बाद प्रत्येक परिवार महज 30 रुपये का भुगतान कर प्रति माह 300 लीटर आरओ का पानी ले सकते हैं। आरओ प्लांट्स झुग्गी झोंपड़ी कॉलोनियों के अंदर लगाए गए हैं और इसका संचालन टाटा पावर-डीडीएल से जुड़े स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं द्वारा किया जाता है।

    रक्‍तदान: जीवन दान

    • अब तक

      77

      रक्‍तदान शिविर
      आयोजित
    • 4869

      यूनिट्स रक्‍तदान
      थैलेसीमिया से प्रभावित बच्चों के लिए

    टाटा पावर-डीडीएल इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी के सहयोग से रक्‍तदान शिविर का आयोजन करता है, जिसमें कर्मचारी, उनके परिवार के सदस्य और हमारे उपभोक्ता लोगों के जीवन को बचाने की दिशा में अपना योगदान देते हैं। कॉपोरेट डोनर होने के नाते टाटा पावर-डीडीएल के कर्मचारी डॉक्‍टर्स की पर्ची के माध्यम से रेड क्रॉस ब्लड बैंक की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। टाटा पावर-डीडीएल को अपने योगदान के लिए इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी से कई पुरस्कार भी प्राप्‍त हुए हैं। आज की तारीख में कुल 4,003 लोगों ने जरूरतमंद मरीजों को अपना रक्‍तदान किया है।