• कंपनी प्रोफाइल

    टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टाटा पावर-डीडीएल), वास्तव में, टाटा पावर और राष्टीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार का संयुक्त उपक्रम है, जिसमें बहुलांश हिस्सेदारी टाटा पावर कंपनी (51%) के पास है।

    • उत्तर और उतर पश्चिमी दिल्ली में बिजली की सप्लाई
    • 70 लाख आबादी की सेवा
    • 1.9 लाख उपभोक्ता आधार
    • 2115 मेगावाट का पीक लोड ** 2022
    • 510 वर्ग किलोमीटर का वितरण क्षेत्र

    बिजली वितरण सुधार में अग्रणीय

    टाटा पावर-डीडीएल को उपभोक्ता अनुकूल कार्यप्रणालियों के लिए जाना जाता है। निजीकरण के समय से ही टाटा पावर-डीडीएल के वितरण क्षेत्रों में एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल (एटीएंडसी) हानियों में रिकॉर्ड कमी दर्ज की गई है।

    आज, एटीएंडसी हानि 6.34% है (वित्तीय वर्ष 2023), जो जुलाई 2002 के 53% के शुरूआती स्तर से एक अप्रत्याशित कमी है।

    भरोसेमंद बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और अपने उपभोक्ताओं को सर्वश्रेष्‍ठ सेवा प्रदान करने के लिए टाटा पावर-डीडीएल ने कई वर्ल्‍ड क्लास टैक्‍नोलॉजी को लागू किया है, जैसे कि एडवांस डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम या ADMS, जिसे पारंपरिक SCADA-DMS-OMS सिस्टम को बदलने के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें स्मार्ट मीटर डेटा/डिस्ट्रिब्यूटेड जेनरेशन एकीकरण और GIS के सिंगल डेटा मॉडल के रीयल-टाइम एकीकरण, इंस्टैंट सर्विसेज के लिए एकीकृत ज्योग्राफिकल इफॉरमेशन सिस्टम (GIS),एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (AMI), ऑटोमेटेड डिमांड रिस्‍पॉन्‍स (ADR), स्मार्ट लाइट मैनेजमेंट सिस्टम, फील्ड फोर्स ऑटोमेशन, अपग्रेडेड नेटवर्क, इंटीग्रेटेड टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 19124 आदि जैसे फीचर्स लागू किए गए हैं।

    वर्ल्‍ड क्लास टेक्नोलॉजीज @ टाटा पावर-डीडीएल

    • एडवांस डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (ADMS)
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      एडवांस डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (ADMS) एक सिंगल इंटीग्रेटेड सिस्टम है, जो एडवांस्ड मानिटरिंग, एनालिसिस के साथ ही साथ नियंत्रण एवं प्लानिंग की सुविधा प्रदान करता है, जिससे टाटा पावर-डीडीएल को उपभोक्ताओं के लिए विश्‍वसनीयता, सुरक्षा एवं एनर्जी एफिशिएंसी बढ़ाने में सक्षम बनाता है। इस सिस्टम में कटौती की रिपोर्ट करने और उपभोक्ताओं को अग्रिम सूचना देने जैसे उन्नत फीचर्स शामिल हैं। यह सिस्टम बिजली आपूर्ति तेजी से बहाल करने के लिए सिस्टम नियंत्रण के साथ ही रखरखाव टीम को सुविधा प्रदान करती है।

    • भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS)
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      भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) टाटा पावर-डीडीएल के लिए नेटवर्क, परिसंपत्ति और उपभोक्ता अनुक्रमण के भंडारण के लिए आधारभूत टैक्नोलॉजी और एकल स्रोत है। संबंधित प्रणालियों को सफलतापूर्वक काम करने के लिए इस प्रणाली के डेटा को ADMS, FFA, AMI आदि के साथ एकीकृत किया जाता है। यह प्रणाली उपभोक्ताओं को उन्नत सेवाएं और समय पर जानकारी के साथ विश्वसनीय एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत की आपूर्ति करने में सक्षम बनाती है।

    • स्मार्ट मीटर
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      स्मार्ट मीटर्स स्मार्ट ग्रिड के बुनियादी बिल्डिंग ब्‍लॉक हैं। इस टैक्नोलॉजी में संचार प्रणाली (टाटा पावर-डीडीएल के मामले में RF) और डेटा हैंडलिंग टैक्नोलॉजी (मीटर डेटा मैनेजमेंट सिस्टम) शामिल हैं। टाटा पावर-डीडीएल विभिन्न IT एवं OT क्षेत्रों में परिचालन दक्षता लाने के लिए स्मार्ट मीटरिंग टैक्नोलॉजी (एडवांस्ड मीटरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चचर-AMI) को लागू कर रही है। यह टैक्नोलॉजी प्रति माह बिजली खपत के मामले में उपभोक्ताओं के बीच पारदर्शिता लाएगी और तत्काल आधार MDI और PF जैसे अन्य महत्वपूर्ण मानकों की निगरानी करेगी। टाटा पावर-डीडीएल के मामले में यह चोरी और हानि में कमी का आसानी से पता लगाने में सक्षम बनाता है। अंतिम छोर का यह लिंक टाटा पावर-डीडीएल के स्मार्ट ग्रिड कार्यान्वयन को पूरा करेगा।

    • स्मार्ट स्‍ट्रीट लाइट मैनेजमेंट सिस्टम
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      टाटा पावर-डीडीएल संयुक्त रूप से स्ट्रीट लाइटिंग की मांग में कमी लाने के लिए एक परियोजना पर काम कर रहा है, जो कि पीक लोड के साथ मेल खाता है, जिससे समग्र शिखर की मांग कम हो जाती है, लक्स के स्तर में सुधार, पावर फैक्टर में सुधार और कार्बन फुट प्रिंट की जाँच समाज के प्रति जिम्मेदारी। इससे सरकारी खजाने को काफी बचत होगी। यह प्रणाली पूरी तरह से एक स्मार्ट सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल एंड मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से प्रबंधित की जाती है जो वास्तविक समय के आधार पर आंशिक रूप से या पूरी तरह से प्रभावित स्ट्रीटलाइट सर्किट की पहचान कर सकती है और गलती के प्रकार, जिससे इस तरह के उद्देश्य के लिए उपभोक्ता शिकायतों की आवश्यकता के बिना रखरखाव टीम को अलर्ट किया जाता है।

    • फील्ड फोर्स ऑटोमेशन (FFA)
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      मोबाइल कर्मचारी उपभोक्ता सेवा को उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं से कहीं बेहतर बनाने का अहम साधन है। फील्ड फोर्स ऑटोमेशन (FFA) एक ऐसी प्रणाली है जो उपभोक्ताओं को तेजी से सेवा प्रदान के लिए हाथ में लिए गए विभिन्न तरह के काम और शेड्यूल तथा उसे नजदीकी कर्मचारियों को भेजती है। यह प्रणाली न केवल सेवा स्तर को बढ़ाती है बल्कि कार्यबल के आवंटन को भी पूरी तरह से ट्रैक करती है।

    टाटा पावर-डीडीएल ग्लोबल इंटेलीजेंट यूटिलिटी नेटवर्क कोएलिशन (GIUNC) की सदस्य बनने वाली पहली भारतीय यूटिलिटी है। GIUNC का दुनियाभर में 14 बिजली वितरण कंपनियों के साथ गठबंधन है और यह इंटेलीजेंट नेटवर्क्‍स के लिए कॉमन-स्टेंडर्ड, टैक्नोलॉजी सॉल्‍यूशंस तथा प्रोसेस के विकास को बढ़ावा देने की दिशा में काम करता है।

    टाटा पावर-डीडीएल ने अपने उपभोक्ताओं की सुविधा और सुगमता के लिए विभिन्न तरह की फैसिलिटीज़ एवं सेवाएं प्रदान की हैं जैसे कि 24X7 इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन, एंड्रॉयड एवं iOS यूज़र्स के लिए मोबाइल ऐप्लीकेशन, द्विभाषी वेबसाइट, मल्टीपल पेमेंट की सुविधा, नए कनेक्‍शन के लिए एंड टु एंड ऑनलाइन सेवाएं आदि।

    वर्ल्‍ड बैंक ने अपनी ‘डूइंग बिज़नेस’ रिपोर्ट में प्रक्रिया को सरल बनाकर बिजली कनेक्‍शन लेना आसान बनाने में टाटा पावर-डीडीएल के योगदान को स्वीकार किया है, जिससे भारत की रैंकिंग 2015 की रैकिंग 138 से बेहतर होकर 2019 में 22 हो गई है।

    सस्टैनेबल बने रहने के लिए प्रतिबद्ध

    टाटा पावर-डीडीएल वर्ष 2008 से ही अपनी सस्टैनेबल पहल के तहत् सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता जोड़ रही है और इसने अपने लाइसेंसी इलाके में चौदह (14) सोलर प्लांट्स स्थापित किए हैं जिसकी कुल उत्पादन क्षमता 1.65 मेगावाट है। इसके पास नेट मीटरिंग के अंतर्गत कुल 1591 रूफटॉप सोलर प्लांट्स हैं जिनकी समेकित क्षमता 45.9 MWp है। टाटा पावर-डीडीएल भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ बतौर ‘‘फर्स्‍ट यूटिलिटी चैनल पार्टनर’’ के तौर पर शामिल है और इसे ‘‘सिस्टम इंटीग्रेशन ग्रेडिंग फॉर सोलर पीवी प्रोजेक्ट्स’’ के लिए उच्चतम रेटिंग सम्मान SP IA से सम्मानित किया गया है। कंपनी वर्तमान में अपने नेटवर्क के तहत् रूफटॉप सोलर को स्मार्ट ग्रिड के साथ जोड़ने, एनर्जी स्टोरेज, इलैक्ट्रिक वाहनों के लिए ई-चार्जिंग, होम ऑटोमेशन आदि पर काम कर रही है।

    परिचालन क्षेत्र से बाहर विस्तार

    टाटा पावर-डीडीएल के चेंज मैनेजमेंट एक्सपीरियंस, डिस्ट्रिब्यूटेड लीडरशिप सिस्टम, नवीनतम टैक्नोलॉजी को अपनाने, उन्नत दक्षता विकास प्रक्रियाएं एवं इनोवेटिव तथा ओपन वर्क कल्चर प्रमुख रणनीतिक बूस्टर हैं, जो बदलते कारोबारी परिदृश्‍य में प्रतिस्पर्धी लाभ हासिल करने और उसे बनाए रखने में मदद करते हैं। दिल्ली के उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए डेढ़ दशक पहले शुरू हुआ सफर अब भारत के वितरण क्षेत्र में बदलाव लाने में सक्षम है और यह दुनिया भर की यूटिलीटीज़ को समान रूप से मदद कर रही है। टाटा पावर-डीडीएल की मौजूदगी भारत के करीब 20+ राज्यों में है और गोवा, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित 30 से अधिक डिस्कॉम के साथ काम कर रही है। इसके साथ ही साथ बेनिन, ईको, कदुना, कानो आदि जैसे अंतरराष्‍ट्रीय शहरों में काम कर रही है।

    विशेषज्ञों के साथ साझेदारी

    टाटा पावर-डीडीएल आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है और भारत तथा विदेश में वितरण सुधारों के अपने अनुभव को दोहराने के लिए नए अवसर तलाश रही है। यह कम्युनिकेशंस एवं स्मार्ट ग्रिड टैक्नोलॉजी, चेंज मैनेजमेंट, उपभोक्ता सेवा आपूर्ति और बिज़नेस प्रोसेस री-इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में अपनी यूनिक लर्निंग एवं कुशलता तथा जीई, आईबीएम, एनेल, ऑमरॉन, 3एम, पैनासोनिक, एईएस, मित्सुबिशी आदि जैसे अग्रणी यूटिलिटीज एवं टैक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स के साथ पार्टनरशिप का लाभ उठा रही है। टाटा पावर-डीडीएल ने अग्रणी अंतरराष्‍ट्रीय और राष्ट्रीय संस्थानों जैसे कि हारवर्ड, एमआईटी, रेयरसन यूनिवर्सिटी, आईआईटी दिल्ली, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी, नेताजी सुभाष  इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी आदि के साथ ऊर्जा क्षेत्र में शोध करने के लिए साझेदारी की है।

    समुदाय को वापस देना

    टाटा पावर-डीडीएल ने उन समुदायों तक पहुंच बनाई है, जिन्हें वह सेवाएं प्रदान करती है और वंचित वर्ग को निरंतर मजबूत और सशक्त बना रही है, खास तौर पर अपने सोशल इनोवेशन पहल साथी के माध्यम से अपने परिचालन वाले इलाकों के 223 झुग्गी झोपड़ी कॉलोनियों में रहने वाले 15 लाख से अधिक लोगों को सशक्त बनाने का काम कर रही है, जो कंपनी के उपभोक्ता भी हैं। साथी के अंतर्गत महिला साक्षरता केंद्रों, वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर्स, ट्यूटोरियल्स, चिकित्सा शिविरों, नशा मुक्ति केंद्रों, ऊर्जा संरक्षण, सुरक्षा आदि जैसे विभिन्न प्रोग्राम चलाए जाते हैं। टाटा पावर-डीडीएल जलवायु परिवर्तन के पहलू को लेकर संवेदी है और एनर्जी एफिशिएंट एवं ग्रीन टैक्‍नोलॉजी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। वह एनर्जी एफिशिएंट योजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए EESL के साथ करीब से काम कर रही है।