टाटा पावर-डीडीएल में सस्टैनेबिलिटी पहल को टाटा समूह और टाटा पावर-डीडीएल की जलवायु परिवर्तन नीति के विजन एवं मिशन के साथ जोड़ा गया है। कंपनी जलवायु परिवर्तन के पहलू के प्रति संवेदनशील है और लागत प्रभावी ढंग से उसे कम करने और ऑफ़सेट अवसरों की पहचान करने के साथ ऊर्जा कुशल और हरित प्रौद्योगिकियों को पेश करने के लिए प्रतिबद्ध है। टाटा समूह के हिस्से के रूप में टाटा पावर-डीडीएल अपने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व डिविजन के माध्यम से समाज को वापस देने के समूह के सिद्धांत को भी आगे बढ़ाता है।
ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली (ISO 50001) की मदद से टाटा पावर-डीडीएल का लक्ष्य ऊर्जा प्रदर्शन में सुधार के लिए आवश्यक सिस्टम और प्रक्रियाओं को स्थापित करना है। EnMS का कार्यान्वयन कर ऊर्जा के व्यवस्थित प्रबंधन के माध्यम से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन, ऊर्जा लागत और अन्य संबंधित पर्यावरणीय प्रभावों में कमी आएगी।
टाटा पावर – डीडीएल की मुख्य पहल :
- टाटा पावर-डीडीएल ने अपने लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र में सोलर रूफ-टॉप प्लांट्स के माध्यम से सक्रिय रूप से सौर ऊर्जा उत्पादन शुरू किया है। ऐसे 400 से ज्यादा संयंत्र स्थापित किए गए हैं जिनकी कुल क्षमता 18.38 मेगावॉट है और इससे 12.12 मिलियन यूनिट्स बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
- प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और व्यावसायिक स्वास्थ्य खतरों और सुरक्षा जोखिमों को खत्म/कम करने के लिए अपने पर्यावरण, व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रबंधन प्रणालियों में निरंतर सुधार सुनिश्चित करना।
- सभी लागू पर्यावरण, व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा कानूनों और विनियमों का अनुपालन।
- पर्यावरण-अनुकूल ट्रांसफॉर्मर्स, स्टार-रेटेड लैपटॉप्स एवं एसी, एलईडी लाइट्स जैसे उपकरण की खरीद।
- नॉन-स्टार रेटेड एयर कंडीशनर्स (एसी) को बदलने के लिए बीईई 5 स्टार रेटिंग/इन्वर्टर एसी योजना – इस योजना को 2015 को शुरू किया गया था और अब तक 17,123 एसी को बदला जा चुका है, जिसके परिणामस्वरूप सालाना 10.5 मिलियन यूनिट्स बिजली की बचत हो रही है और सालाना 3496 मीट्रिक टन कार्बन-डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन घटा है।
- इस योजना की सफलता को देखते हुए डीईआरसी ने 2018 को दोबारा इसे लॉन्च किया: उजाला (एलईडी लाइट एवं सीलिंग पंखे का वितरण) : इस योजना के अंतर्गत 7,26,403 से अधिक उपकरण (एलईडी बल्ब, ट्यूबलाइट्स एवं पंखे) बांटे गए। इसके परिणामस्वरूप लोड में 20 मेगावाट की कमी आई और सालाना 21 मिलियन यूनिट्स बिजली की बचत हुई है, जिसके चलते कार्बन-डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में 16, 926 मीट्रिक टन की कमी आई है।
- टाटा पावर-डीडीएल में इस्तेमाल होने वाले वाहनों के लिए प्रदूषण जांच अभियान आयोजित किया गया, जिसमें प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 152 चार पहिया और 145 दोपहिया वाहनों का निरीक्षण किया गया।
- ई-कचरे और अन्य प्रकार के कचरे (जैसे इस्तेमाल किए गए ट्रांसफॉर्मर्स ऑयल, बायो-मेडिकल कचरा, लीड-एसिड बैटरी आदि) का सुरक्षित निपटान।
- टाटा पावर-डीडीएल के जोनों, सार्वजनिक स्थानों, जिला कार्यालयों और प्रशिक्षण केंद्रों में 1,30,000 से ज्यादा पौधे लगाए गए।
- उपभोक्ता समूहों को आरडब्ल्यूए की बैठकों, उपभोक्ता बैठकों में पर्चे एवं बुकलेट्स बांटकर, बिलों पर संदेश लिखकर आदि के माध्यम से जलवायु परिवर्तन और अन्य पर्यावरणीय चिंताओं से अवगत कराया जाता है। कुछ योजनाओं को उपभोक्ताओं के बीच ई-बिल की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए खासतौर पर तैयार किए गए हैं और 94,000 से अधिक उपभोक्ताओं ने पहले ही इस विकल्प को अपना चुके हैं।
ग्लोबल रिपोर्टिंग पहल
टाटा पावर-डीडीएल ने ग्लोबल रिपोर्टिंग इनिशिएटिव (जीआरआई) जी4 दिशानिर्देशों और एनर्जी यूटिलिटीज सेक्टर सप्लीमेंटरी के मुख्य विकल्प के अनुसार वर्ष 2017 में अपनी पहली सस्टैनेबिलिटी रिपोर्ट प्रकाशित की।
Download Pdfसंयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट के लिए हस्ताक्षर
टाटा पावर-डीडीएल संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क के लिए एक हस्ताक्षरकर्ता है, जो मानवाधिकार, श्रम, पर्यावरण और भ्रष्टाचार-निरोधक से संबंधित दस सार्वभौमिक रूप से स्वीकार्य सिद्धांतों के साथ अपने परिचालन को संरेखित करने के लिए प्रतिबद्धता जताती है और उसका पालन करती है। ये सिद्धांत मानवाधिकार, आईएलओ, यूएनडीपी और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की सार्वभौमिक घोषणा के साथ सहमति में आगे बढ़ते हैं। यूएनजीसी के हस्ताक्षरकर्ता होने के नाते, टाटा पावर-डीडीएल ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क को सालाना प्रगति की जानकारी देता है जो 10 सिद्धांतों के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
लोग
आज "हितधारक से जुड़ाव" शब्द व्यापक, अधिक समावेशी सार्वजनिक भागीदारी प्रक्रिया का वर्णन करने के साधन के रूप में उभर रहा है। प्रभावी ढंग से निष्पादित होने पर, शेयरधारक के साथ जुड़ाव का उपयोग संचार में सुधार, व्यापक समर्थन प्राप्त करने, उपयोगी डेटा और विचारों को एकत्र करने, प्रतिष्ठा बढ़ाने और स्थायी निर्णय लेने के लिए सहायता प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।
बिजली वितरण में प्रभावों को प्रबंधित करने के हमारे प्रयासों के तहत् हमें विश्वसनीय बिजली की आपूर्ति एवं मूल्यपरक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
हम अपनी चिंताओं और प्राथमिकताओं को समझने के लिए हितधारकों से जुड़ते हैं और सिस्टम फॉर्मूलेशन के लिए इन इनपुट का उपयोग करते हैं। हितधारक के साथ जुड़ाव की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और कुशल बनाने के लिए, सहभागिता पद्धतियों को हितधारकों की आवश्यकताओं के आधार पर अनुकूलित किया जाता है।
नियामकीय प्राधिकरण
- टाटा पावर-डीडीएल का वितरण कारोबार उत्तर और उत्तर पश्चिम दिल्ली में 25 वर्षों की अवधि के लिए बिजली के वितरण एवं रिटेल आपूर्ति के लिए डीईआरसी द्वारा जारी लाइसेंस के प्रावधानों द्वारा शासित है।
- 2002 में अपने परिचालन की शुरूआत करने के समय से ही टाटा पावर-डीडीएल लगातार परिचालन में सुधार कर रही है और 2002 में एटीएंडसी हानि का स्तर 53 प्रतिशत था, जो वित्त वर्ष 2018 में घटकर 8.4 प्रतिशत रह गया है, वहीं अपने उपभोक्ताओं को 24X7 भरोसेमंद एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित किया है। इसके साथ ही आउटरीच प्रोग्राम के माध्यम से उपभोक्ता-केंद्रित सेवाओं, समुदाय का समावेशी विकास सुनिश्चित किया है और खुद को शीर्ष वैश्विक यूटिलिटीज़ में से एक के तौर पर स्थापित किया है।
उपभोक्ता
स्थानीय समुदाय
कर्मचारी कल्याण
वेंडर्स
प्लेनेट/ग्रह
टाटा पावर-डीडीएल सस्टैनेबल संगठन है, जो अपने पारिस्थितिक फुटप्रिंट की फिक्र करती है और इस प्रकार विभिन्न पहलों के माध्यम से इसे कम करने की दिशा में काम कर रही है:
जल संरक्षण
- टाटा पावर-डीडीएल के 30 ग्रिडों में जल संचयन किया जा रहा है।
- ओवरफ्लो रोकने के लिए सभी ओवरहेड टैंकों पर वाटर लेवल सेंसर लगाए गए हैं।
- टाटा पावर-डीडीएल के सभी कार्यालय स्थलों पर आरओ से निकलने वाले अपशिष्ट जल का पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कागज की बचत
ऊर्जा सरंक्षण
ईंधन की बचत
लाभ
दीर्घकालिक टिकाऊ विकास किसी भी संगठन का लक्ष्य होता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कौन कितना करता है, यह महत्वपूर्ण होता है। एक संगठन के लिए जटिल और प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में अधिकतम लाभप्रदता और टिकाऊ विकास पर केंद्रित दीर्घावधि की स्पष्ट रणनीति बेहद महत्वपूर्ण है।
टाटा पावर-डीडीएल में भी हम समाज को वापस देने के दर्शन के साथ-साथ अपने उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति करने के दृष्टिकोण के साथ अपने लाभ को कई गुना बढ़ाने में विश्वास करते हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान नियामक और राजनीतिक सत्ता, अप्रत्याशित और लंबे समय तक गर्मी का मौसम तथा भीषण तूफान के साथ शुल्क दरों में बढ़ोतरी नहीं होना काफी चुनौतीपूर्ण रहा है।
तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद टाटा पावर-डीडीएल ने कुछ असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं, जैसे कि अब तक का सबसे कम 8.4% एटीएंडसी हानि, 17 लाख उपभोक्ता आधार, उपभोक्ता खुशी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी और कर्मचारी जुड़ाव एवं एकीकृत स्मार्ट ग्रिड के सफर पर आगे बढ़ना (भारत में पहली बार) शामिल हैं।
टाटा पावर-डीडीएल प्रणाली में और अधिक क्षमता लाने और प्रौद्योगिकी एवं संस्थागत भागीदारों के साथ सहयोग के माध्यम से राजस्व के नए स्रोत खोलने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
टर्नओवर | 7600.07 करोड़ |
PAT | 335 करोड़ |
एमयू सर्वड | 9631 (इनपुट MUs) / 8870 (सेल्स MUs) |
पीक लोड | 1967 |