श्री दुष्यंत त्यागी टाटा पावर-डीडीएल में चीफ नेटवर्क सर्वेसेज़ एंड स्टोर्स के पद पर कार्यरत हें। वह नेटवर्क सर्विसेज़ एंड स्टोर्स टीम का नेतृत्व करते हैं जिसमें इंजीनियरिंग, ईएचवी एवं डिस्ट्रिब्यूशन प्रोजेक्ट्स, मैटिरियल मैनेजमेंट, एनर्जी ऑडिट, जीआईएस तथा ईएचवी सिविल इंजीनियरिंग शामिल हैं।
इससे पहलेए श्री त्यागी, चीफ कमर्शियल सर्वेसेज़ एंड सीएसआर, टीपीएनओडीएल (टाटा पावर नॉर्दर्न ऑडिशा डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड), तथा चीफ ऑपरेशन सर्विसेज़, टीपीएनओडीएल के पद पर रह चुके हैं। उल्लेखनीय है कि टीपीएनओडीएल, ओडशा सरकार एवं टाटा पावर के बीच सार्वजनिक-निजी भागीदारी है। श्री त्यागी के कार्यकाल में, ओडिशा के सभी चार डिस्कॉम में टीपीएनओडीएल ने खुद को बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले डिस्कॉम में स्थान दिलाने के साथ-साथ 2022-23 के दौरान एटी एवं सी घाटों में 12% कमी भी दर्ज करायी जबकि यह ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाला निकाय है।
श्री दुष्यंत त्यागी के पास पावर सेक्टर में काम करने का तीन दशक लंबे शानदार कॅरियर का अनुभव है और वे ऑपरेशन एवं कमर्शियल मैनेजमेंट के अलावा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, चेंज मैनेजमेंट तथा पॉलिसी एडवोकेसी जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते हैं। उनके पास टैक्नो कमर्शियल क्षेत्र का भी अनुभव है और वह चुनौतियों से निपटने में माहिर हैं। इन खूबियों के चलते वे सुरक्षित तथा भरोसेमंद ऑपरेशन के क्षेत्र में बेहतरीन लीडरशिप का लाभ दिलाते हैं।
श्री त्यागी ने टाटा पावर-डीडीएल तथा टीपीएनओडीएल में नई टैक्नोलॉजी को लागू करने के साथ-साथ बिजनेस एक्सीलेंस और प्रोसेस इम्प्रूवमेंट जैसी गतिविधियों में भी नेतृत्व प्रदान किया है।
श्री त्यागी ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से पढ़ाई करने के बाद इंटरनेशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, दिल्ली से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
श्री प्रवीण अग्रवाल मानव संसाधन से जुड़े एक अनुभवी प्रोफेशनल हैं और फिलहाल टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टाटा पावर-डीडीएल) में ह्यूमैन रिसोर्स, इंडस्ट्रियल रिलेशंस, सोशल इंपैक्ट ग्रुप, फैसिलिटी मैनेजमेंट एवं हैल्थ सर्विसेज़ विभाग के प्रमुख हैं।
श्री अग्रवाल 2003 से टाटा पावर-डीडीएल से जुड़े हुए हैं और कंपनी को बदलाव के चुनौतीपूर्ण दौर से सफलतापूर्वक आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने निजीकरण के बाद प्रबंधन में हुए बदलाव, रणनीतिक योजना बनाने और उन्हें लागू करने, सिस्टम और प्रोसेस डिज़ाइन करने और उनमें सुधार करने, ईआरपी लागू करने, कर्मचारियों को जोड़ने, परफॉर्मेंस और करियर के मैनेजमेंट, नई प्रतिभाओं को कंपनी में लाने, उनके प्रबंधन और कंपनी के साथ बनाए रखने के साथ-साथ मैनेजमेंट व कर्मचारियों के बीच आसान संवाद में अहम भूमिका निभाई है।
"लोग, प्रक्रिया, सिस्टम और डिज़ाइन की सोच" के दृष्टिकोण के साथ और कर्मचारियों को संपूर्ण विकास की व्यापक संभावनाएं उपलब्ध कराकर उन्हें सशक्त बनाने में भरोसा करते हुए श्री अग्रवाल, मानव संसाधन की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं और कंपनी के नेतृत्व के साथ मिलकर संगठन को आगे ले जा रहे हैं।
टाटा पावर-डीडीएल को प्रतिभाओं को निखारने में मदद करने वाला संगठन बनाने के एचआर दृष्टिकोण से तालमेल बिठाते हुए उनका पूरा ध्यान कर्मचारियों की वृद्धि एवं विकास, क्षमता निर्माण सुनिश्चित करने के लिए कई कुशलताएं हासिल करने और ज्ञान में वृद्धि करने के अवसर उपलब्ध कराने की ओर है।
25 वर्षों से ज़्यादा के अपने करियर में श्री अग्रवाल ने टाटा पावर-डीडीएल और टाटा पावर कंपनी लिमिटेड का हिस्सा बनकर पावर सेक्टर में आने से पहले एनर्जी और टेलीकॉम सेक्टर में काम किया है। उन्होंने पर्सनल मैनेजमेंट में पोस्ट-ग्रेजुएट हैं और वह एक सर्टिफाइड एसएपी एचआर प्रोफेशनल हैं। इसके अलावा, उन्होंने आईआईएम-बेंगलुरु से कोचिंग फॉर परफॉर्मेंस पर सर्टिफिकेशन प्रोग्राम भी पूरा किया है। इसके अलावा, उन्होंने कई एसएलडीपी और स्ट्रैटेजिक एचआर प्रोग्राम भी किए हैं।
श्री सुरनजीत मिश्रा टाटा पावर-डीडीएल में मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) एवं कार्पोरेट गवर्नेंस के प्रमुख हैं। श्री मिश्रा अक्टूबर 2009 से टाटा पावर कंपनी लिमिटेड (टाटा पावर) के साथ हैं। टाटा पावर में इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने वित्त और लेखा में विभिन्न पदों पर कार्य किया जिन में वित्तीय नियंत्रक, मैथन पावर; सीएफओ, पॉवरलिंक्स ट्रांसमिशन लिमिटेड और सीएफओ, टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड शामिल हैं। श्री मिश्रा टाटा पावर अजमेर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के बोर्ड सदस्य भी हैं।
श्री मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के एसोसिएट सदस्य हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एफएमएस) से बिजनेस मैनेजमेंट में मास्टर्स पूरा किया।
श्रीमती किरण गुप्ता टाटा पावर-डीडीएल में कस्टमर एक्सपीरियंस, कमर्शियल एंड गवर्नमेंट अफेयर्स की प्रमुख हैं। कस्टमर एक्सपीरियंस और कमर्शियल फंक्शन में कॉल सेंटर, कस्टमर केयर, नए कनेक्शन, मीटरिंग, बिलिंग, राजस्व संग्रह, रिकवरी एवं लीकेज कंट्रोल, स्मार्ट मीटरिंग, डिमांड साइड मैनेजमेंट और नए बिज़नेस की सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा, वह विनियामकीय उद्देश्यों के साथ संगठन का रणनीतिक तालमेल सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार और विनियामक के साथ भी काफी करीबी से काम करती हैं।
श्रीमती गुप्ता के पास टाटा ग्रुप के ‘एनर्जी वैल्यू चेन’ में पावर सेक्टर का करीब 3 दशक का व्यापक अनुभव है। वह ऊर्जा इकाइयों के क्षेत्र की एक दिग्गज हैं और विभिन्न फंक्शन में एडीएमएस, बीसीएम, डिमांड साइड मैनेजमेंट जैसे टैक्नोलॉजिकल प्रयासों के माध्यम से कई परिवर्तनकारी बदलाव लाने में अग्रणी भूमिका निभाने के साथ-साथ टाटा पावर में बेहतर ग्राहक अनुभव के लिए वैल्यू एडेड सर्विसेज़ भी उपलब्ध कराती रही हैं। उन्होंने सांस्कृतिक बदलाव लाने वाले प्रक्रियागत परिवर्तन में अपनी विशेषज्ञता साबित की है और वह क्वालिटी व उत्कृष्टता के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।
वह पहली महिला अधिकारी हैं जो ऑपरेशंस का नेतृत्व करती हैं और इलाकों में चोरी के मामलों में कमी लाने के लिए कमर्शियल इंफोर्समेंट का सफलतापूर्वक संचालन किया है। वह प्रीवेंशन ऑफ सेक्सुअल हैरेसमेंट (पीओएसएच) कमिटी की चेयरमैन और टाटा पावर-डीडीएल में एपेक्स एथिक्स कमिटी की सदस्य हैं। वह वीपावर - (साउथ एशिया वूमेन इन पावर सेक्टर नेटवर्क ऑफ पार्टनर्स) में स्टीरिंग कमिटी की सदस्य भी हैं। इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत विश्व बैंक द्वारा सभी सार्क देशों में एनर्जी सेक्टर में लैंगिक समावेशन को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
श्रीमती गुप्ता टीपीटीसीएल, एमसीसीएल, डीएचपीसी जैसी टाटा पावर की अन्य समूह कंपनियों के निदेशक मंडल की सदस्य भी हैं। उन्होंने बीईएससीओएम, एनईपी, एपीडीसीएल, यूपीपीएलसीएल जैसी इकाइयों के लिए क्षमता निर्माण और नॉलेज ट्रांसफर प्रोग्राम और नाइजीरिया में घाटे को कम करने, ग्राहक सेवाओं और डिजिटलीकरण जैसे कार्यों का भी नेतृत्व किया।
श्रीमती गुप्ता ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडल भी हासिल किया है। उन्होंने टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट और टाटा बिज़नेस एक्सीलेंस मॉडल में सर्टिफिकेशन हासिल किया है और उन्हें बेस्ट टीबीईएम असेसर अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया है। उन्होंने आईआईएम-बेंगलुरू से टैक्नोलॉजी इनोवेशन प्रोग्राम, बीसीजी का "लीडरशिप इंस्टीट्यूट प्रोग्राम" और हाल ही में आईआईएम-अहमदाबाद से "एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम" पूरा किया है।
श्री राजेश बहल टाटा पावर-डीडीएल में ऑपरेशंस व सेफ्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। ओऐंडएस वर्टिकल के प्रमुख के तौर पर उनकी ज़िम्मेदारियों में योग्यता प्रबंधन, सेंट्रल एन्फोर्समेंट ऐक्टिविटी, एनर्जी मीटर, स्मार्ट मीटर मैनेजमेंट, एचवी/एलवी वितरण परियोजनाएं क्रियान्वयन, कंप्लीट नेटवर्क ऑपरेशंस व इसके रखरखाव, सेफ्टी, एनर्जी ऑडिट समेत नए प्रोडक्ट्स का क्रियान्वयन करना शामिल है।
इसके अलावा, वह कॉर्पोरेट गवर्नेंस के संपूर्ण उद्देश्य के साथ पक्षधारकों की अपेक्षाओं का प्रबंधन करना और कारोबारी परिणामों को बेहतर बनाने पर काम करते हैं। वह अतिक्रमण रोधी, नुकसान घटाने, जगह का बेहतर उपयोग करने, निर्धारित दिशा.निर्देशों के संदर्भ में सांविधिक व नियामकीय अनुपालन की निगरानी के लिए सरकार के साथ पॉलिसी एडवोकेसी में भी शामिल हैं।
बिजली वितरण क्षेत्र में अपने तीन दशक के अनुभव के दौरान श्री बहल ने देश व विदेश में विभिन्न कमर्शियल, ऑपरेशन और टेक्नोलॉजिकल क्षेत्रों में काम किया है जिनमें बिज़नेस प्रोसेस रि-इंजीनियरिंग ऑफ कमर्शियल प्रोसेसेज़, ऑपरेशंस टेक्नोलॉजी ऐंड सेफ्टी शामिल है।
साल 1988 से लेकर अभी तक श्री बहल भारत में सीपीडब्ल्यूडी, एलऐंडटी और श्री राम ग्रुप के साथ कर चुके हैं और उसके बाद पावर सेक्टर से जुड़े। टाटा पावर-डीडीएल में आप विभिन्न ज़िलों में असिस्टेंट मैनेजर, कमर्शियल मैनेजर, डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, सर्कल हैड, हैड आरआरजी व हैड सेफ्टी के पद पर काम कर चुके हैं।
श्री बहल इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ग्रैजुएट हैं। इसके बाद आपने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमबीए (ऑपरेशंस) और एलएलबी की पढ़ाई की। श्री बहल ने आईआईएम-अहमदाबाद से एडवांस्ड लीडरशिप कोर्स और टाटा मैनेजमेंट टेªनिंग सेंटर (टीएमटीसी) पुणे से स्ट्रैटेजिक लीडरशिप प्रोग्राम किया है।
श्री एच सी शर्मा टैक्निकल सर्विसेज़, पावर मैनेजमेंट, पावर सिस्टम कंट्रोल, क्वालिटी एवं सस्टेनेबिलिटी, बिज़नेस डेवलपमेंट एवं कलेबरेशन जैसे कार्यों को संचालित करने वाले विभाग के प्रमुख हैं।
अपने 32 वर्षों के करियर के दौरान श्री शर्मा ने कई प्रतिष्ठित परियोजनाओं पर काम किया है और टाटा पावर डीडीएल में प्लांट इंजीनियरिंग और क्वालिटी एश्योरेंस सिस्टम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने विविध क्षेत्रों में काम किया हैए जिनमें डिजाइन, इंजीनियरिंग, क्वालिटी एश्योरेंस, खरीद और निष्पादन शामिल हैं।
वह 3 कोर-66kv केबल्स के विकास, एचडीपीई पाइप सुरक्षा के साथ कोएक्सट्रूडेड केबल्स, सुरक्षा और सेल्फ-लाइफ को बढ़ाने हेतु बिजली के खंभों के लिए वितरण बॉक्स, यूटिलिटी प्रोजेक्ट मैनपावर के लिए दैनिक कार्य शेड्यूल यूनिक नंबरिंग और कार्य निगरानी, वर्टिकल सबस्टेशन टॉक बैक सील्स सबमर्सिबल सबस्टेशन और स्मार्ट मीटर के विकास जैसी कई इनोवेटिव परियोजनाओं का हिस्सा रहे हैं। श्री शर्मा एक उत्सुक योजनाकार हैं और वे परियोजना निष्पादन के समय को कम करने, संसाधन अनुकूलन प्राप्त करने और विद्युत परियोजनाओं को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
उन्होंने इससे पहले जुलाई 1990 से सितंबर 2003 तक इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के साथ काम किया है और पिछले 18 वर्षों से विभिन्न भूमिकाओं में टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के साथ जुड़े हुए हैं।
श्री एच सी शर्मा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से बी टेक (इलेक्ट्रिकल) में गोल्ड मेडलिस्ट हैं। उन्होंने एक्सएलआरआई, जमशेदपुर से बिज़नेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रैजुएट सर्टिफिकेशन भी किया है।
श्री भरत कुमार भदावत टाटा पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड में कॉन्टैक्ट्स, ईएसी एवं कंज्यूमर लिटिगेशन संचालनों की अगुवाई कर रहे हैं। श्री भदावत को कुल मिलाकर 17 साल का अनुभव है और इनमें से 9 साल उन्होंने बिजली वितरण सेक्टर में कार्य किया है। उन्होंने कंपनी में वित्तए नियमन मामलों, कॉर्पोरेट लीगल और बिजली प्रबंधन संचालनों में काम किया। सितंबर 2021 से लेकर मई 2022 तक वह टीपी सदर्न ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड में चीफ-कमर्शियल रहे। यह समूह की कंपनी है जो कमर्शियल फंक्शन देखती है। इनमें मीटरिंग, बिलिंग, राजस्व एकत्र करना, कनेक्शन प्रबंधन, ग्राहक सेवा, हानियों पर नियंत्रण, स्मार्ट मीटरिंग, मांग प्रबंधन, नवीनीकृत बिजली संसाधन और नियमन संबंधी मामले शामिल हैं। टाटा पावर-डीडीएल में आने से पहले उन्होंने करीब एक दशक तक पेपर एवं सीमेंट उद्योगों में काम किया।
श्री भदावत इंस्टीट्यूट आफ कॉस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के एसोसिएट सदस्य और दिल्ली विश्वविद्यालय की फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के सदस्य रहे हैं। उन्होंने आईआईएम-इंदौर, आईआईएम-लखनऊ, आईआईटी-कानपुर और टीएमटीसी,पुणे के लीडरशिप एंड मैनेजमेंट डवलपमेंट प्रोग्राम्स में भी हिस्सा लिया।