• अवलोकन

    टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड [टाटा पावर-डीडीएल] एक निजी विद्युत वितरण कंपनी है जिसे कंपनीज़ ऐक्ट, 1956 के तहत निगमितहै। यह दिल्ली में परिचालन कर रही तीन निजी बिजली वितरण लाइसेंसप्राप्त (डिस्कॉम्स) में से एक है जो सांविधिक दिल्ली विद्युत सुधार ऐक्ट 2000 और दिल्ली विद्युत सुधार (हस्तांतरण योजना) नियम, 2001 के तहत पूर्ववर्ती दिल्ली विद्युत बोर्ड डीवीबी के निगमीकरण अलग होने के बाद 01.07.2002 से अस्तित्व में आई थीं। कंपनी दिल्ली के उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी इलाके में बिजली के वितरण आपूर्ति के कारोबार से जुड़ी है।

     

    टाटा पावर-डीडीएल को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग [डीईआरसी] ने विद्युत अधिनियम 2003, दिल्ली विद्युत आपूर्ति संहिता एवं प्रदर्शन मानक नियमन 2007 और इससे संबंधित अन्य नियमों एवं नियमनों के संरक्षण में उसके आपूर्ति क्षेत्र में परिचालन अन्य सेवाएं देने का लाइसेंस जारी किया हुआ है।

     

    हर साल, टाटा पावर-डीडीएल डीईआरसी के समक्ष अपनी वार्षिक राजस्व आवश्यकता [एआरआर] याचिका दायर करती है। एआरआर का निर्धारण डिस्कॉम्स के कारोबार से प्राप्त होने वाले अनुमानित राजस्व के साथ ही बिजली खरीद लागत, नेटवर्क उन्नयन, कर्मचारी लागत और परिचालन संबंधी अन्य व्यय के आधार पर किया जाता है। एआरआर, वह अनुमानित रकम होती हैजो डिस्कॉम को विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए डीईआरसी द्वारा निर्धारित टैरिफ से मिलती है। ट्रु अप, किसी भी वर्ष के लिए अनुमानित एआरआर के तौर पर प्राप्त राजस्व के मुकाबलेडिस्कॉम द्वारा किया गया वास्तविक व्यय होता है। इसका निर्धारण n + 2 आधार पर होता है और यह डिस्कॉम्स के ऑडिट हो चुके बहीखाते पर आधारित होता है जहां n का वह वित्त वर्ष होता है जिसके लिए एआरआर निर्धारित किया गया था। टाटा पावर-डीडीएल विभिन्न सांविधिक संस्थाओं द्वारा निर्धारित सभी नियमनों अनुपालनों का पालन करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।