• हरित ऊर्जा

    सस्टेनेबल भविष्य निर्माण के लिए प्रतिबद्ध

    टाटा पावर-डीडीएल उपभोक्ताओं व संपूर्ण समुदाय के लिए ऊर्जा दक्ष विकल्पों का उपयोग कर संसाधन संरक्षण और सतत विकास की संस्कृति में विश्वास करती है। हम देश में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए उपयुक्त स्थिति में हैं और दिल्ली में ग्रीन एनर्जी को अपनाने, सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली व ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।

    हम सतत लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं और आरपीओ व विभिन्न स्वच्छ ऊर्जा कार्यक्रमों के ज़रिए अपने कार्बन फुटप्रिंट्स घटाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं।

    • सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी)
    • ग्रीन पावर सप्लाई
    • ज़ीरो एमिशन/शून्य उत्सर्जन- एसएफ6 हैंडलिंग
    • ज़मीन तक शून्य कचरा जाना (ल्युब्रिकैंट्स ऑयल्स)
    • कार्बन फुटप्रिंट (कार्बन डाई ऑक्साइड) घटाना
    • इलेक्ट्रिक व्हीकल एवं चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर
    • सोलर पीवी रूफटॉप को बढ़ावा देना

    हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) को अपनाना

    वित्त वर्ष 20-21 के लिए टाटा पावर-डीडीएल की पीक डिमांड 2547 मेगावाट थी जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा की 13.3% हिस्सेदारी थी। नवीकरणीय ऊर्जा सौर, पवन, लघु पनबिजली संयंत्रों व कचरे से बिजली बनाने जैसे कई स्रोतों से आती है। टाटा पावर-डीडीएल लगातार इस संयोजन को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ने का चलन बना रहे। इसके अतिरिक्त, 2547 मेगावाट की पीक पावर डिमांड में बड़े पनबिजली संयंत्र से मिलने वाली बिजली की हिस्सेदारी 8.1% रही।

    सोलर पीवी रूफटॉप की पहुंच बढ़ाना

    सौर ऊर्जा, ऊर्जा का नवीकरणीय, निशुल्क, व्यापक स्तर पर उपलब्ध व स्वच्छ प्रकार है। पृथ्वी पर व्यापक मात्रा में सूर्य की रोशनी की उपलब्धता इसे बिजली उत्पन्न करने का एक आकर्षक स्रोत बनाती है। 2016 में टाटा पावर-डीडीएल देश की पहली और इकलौती पावर यूटिलिटी थी जिसे भारत सरकार के नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने "यूटिलिटी इनेब्लर फॉर रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट" के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। हम अभी तक हमारे भवनों पर 14 रूफटॉप सोलर प्लांट्स लगा चुके हैं जिनकी उत्पादन क्षमता 1.65 मेगावाटपी है और इनसे सालाना 2.01 एमयू सौर ऊर्जा का उत्पादन होता है। टाटा पावर-डीडीएल ने जीआईज़ेड, वर्ल्ड बैंक, ईऐंडवाई, सीईईडब्ल्यू, यू.एस.- इंडिया क्लीन एनर्जी फाइनैंस टास्क फोर्स व इंटरनैशनल सोलर अलायंस इत्यादि के साथ मिलकर अपने उपभोक्ताओं, निवासियों व औद्योगिक कल्याण संगठनों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सक्रियता से काम किया है।

    वित्त वर्ष 2020-21 तक सोलर नेट मीटर्स के 1283 केस इंस्टॉल किए गए हैं जिनकी ग्रिड कनेक्टेड क्षमता 40.8 मेगावाटपी है। 2015 में सौर नीति अपनाए जाने के बाद से ही इसे अपनाने की दर लगातार बढ़ रही है और टाटा पावर-डीडीएल ने अपने उपभोक्ताओं को नेट मीटर की सुविधा देने में अग्रणी भूमिका निभाई है।

    इलेक्ट्रिक व्हीकल सुगमता

    'हरित पर्यावरण' की ओर कदम बढ़ाने और इस दिशा में लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार द्वारा सख्ती से उठाए जा रहे कदमों के बीच बिजली से चलने वाहनों की आवश्यकता अब पहले के मुकाबले अधिक हो गई है। देश की राजधानी में दिल्ली सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स नीति बनाई है। इस नीति को बनाते समय इस बात का ध्यान रखा गया है कि दिल्ली में ईवी वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल रियायतें व सब्सिडी देने की आवश्यकता है। इस तीन वर्षीय नीति का उद्देश्य पंजीकरण होने वाले कुल वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 25% करना है। इस नीति में सभी संबंधित पक्षधारकों को रियायत दी गई है और उनका ध्यान रखा गया है जिससे सुनिश्चित हो सके कि रियायतें उपभोक्ता, ईवी चार्ज पॉइंट ऑपरेटरर्स जिनमें बैटरी स्वैपिंग सुविधा प्रदाता समेत सभी को उपलब्ध हों और बैटरी रिसाइक्लिंग ईकोसिस्टम में काम करने वालों के लिए अवसर विकसित हों।

    इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को लेकर दिल्ली द्वारा बनाई गई महत्वाकांक्षी योजनाओं को पूरा करने के लिए टाटा पावर-डीडीएल ने आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे पब्लिक चार्जिंग स्टेशंसए होम चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर लगाना और बैटरी स्वैपिंग स्टेशंस विकसित कर प्रस्तावित मांग की आपूर्ति को देखते हुए दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बैटरी से चलने वाली ई-रिक्शा/तिपहिया वाहन आवाजाही के लिए आसानी से उपलब्ध हैं और इनका जनता द्वारा व्यापक स्तर पर उपयोग किया जा रहा है। टाटा पावर-डीडीएल ने अपने लाइसेंसीकृत परिचालन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने और आवाजाही के ग्रीन मोड को बढ़ाने के लिए ओईएम के साथ मिलकर दो बैटरी स्वैपिंग स्टेशंस स्थापित किए हैं। इसके अतिरिक्त 800 इलेक्ट्रिक वाहन श्रेणी के बिजली कनेक्शंस भी उपलब्ध कराए गए हैं।