टिकाऊ भविष्य के लिए ऊर्जा संरक्षण
दुनिया अप्रत्याशित रूप से तेज गति से आगे बढ़ रही है। वैज्ञानिक और तकनीकी इनोवेशंस विश्व को एक स्वचालित, बेहद-कुशल सेटअप में बदल रहे हैं। इंटरनेट के माध्यम से बटन पर एक क्लिक से पृथ्वी के हर कोने को एक्सेस किया जा सकता है। अंतरिक्ष में खोज, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), डिजिटल मीडिया - जो कभी विचार थे, वे सभी अब वास्तविकता में बदल गए हैं। अगर हम सोचें कि यह सब संभव कैसे हुआ। तो इसका जवाब है बिजली। पावर (बिजली) या एनर्जी (ऊर्जा) पारंपरिक और गैर-पारंपरिक स्रोतों से प्राप्त होती है।.
हालांकि दुनिया की तेजी से प्रगति और ऊर्जा की बढ़ती मांग हमें आसन्न ऊर्जा संकट की ओर धकेल रही है। ऊर्जा के विवेकपूर्ण उपयोग को जानना और एक-दूसरे को इसके बारे में शिक्षित करना आवश्ययक हो गया है ताकि हमारी भावी पीढ़ियों के पास उपयोग करने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो सके।.
ऊर्जा संरक्षण आज के समय की जरूरत है। अच्छी बात यह है कि यह कोई जटिल विज्ञान नहीं है। ऊर्जा एवं संसाधनों का संरक्षण करना आसान और सरल है। अपनी रोजमर्रा की आदतों में कुछ बुनियादी व समझदार बदलाव कर ऐसा किया जा सकता है। पर्यावरण की मदद करने से लेकर अपने बिजली बिलों में बचत करने तक ऊर्जा संरक्षण के लाभ काफी व्यापक हैं। ऊर्जा संरक्षण राष्ट्रीय चिंता का भी विषय है। ऊर्जा प्रबंधन हमारे देश के स्थायी भविष्य की कुंजी है।.
रोशनी आपके लिए ऊर्जा प्रबंधन और संरक्षण के कुछ असरल, आसान और स्मार्ट तरीके लाती है।.
सस्टैनेबल लिविंग
स्थायी भविष्य एक ऐसा भविष्य है जिसमें मानव जीवन के लिए आवश्यक सभी संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हों। और यह भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आज हम संसाधनों का कितना विवेकपूर्ण उपयोग करते हैं। सस्टैनेबल लिविंग में प्राकृतिक संसाधनों का विचारशील एवं विवेकपूर्ण उपयोग शमिल है और उन संसाधनों को बदलने का लगातार प्रयास करना है जिनका उपयोग किया जा रहा है, ताकि वे पूरी से खत्म न हों।.
औद्योगीकरण के बाद हाल के समय में नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय दोनों प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग किया गया है जिसके परिणाम अब स्पष्ट हैं। ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, ओजोन परत को नुकसान, प्राकृतिक संसाधनों की किल्लत इसके परिणाम हैं और पारिस्थितिक संतुलन पर भी इनका विनाशकारी प्रभाव होगा। दुनिया के लिए ऐसी टिकाऊ कार्यप्रणालियों को अपनाने की आवश्यकता है, जो पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव को कम करने में मदद करेंगे।.
एक जिम्मेदार संगठन के तौर पर टाटा पावर-डीडीएल सस्टैनेबल पहल को प्रोत्साहित करती है और उसे अपनाती है। यह हमारे विज़न और मिश्यान तथा हमारी जलवायु परिवर्तन की नीति के अनुरूप भी है। संगठन जलवायु परिवर्तन के पहलुओं के प्रति संवेदनशील है और ऊर्जा-कुशल एवं हरित प्रौद्योगिकियों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।. हमारा ब्रांड मैस्कट (शुभंकर) ‘रोशनी‘ स्थायी ऊर्जा समाधानों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाकर टिकाऊ भविष्य के निर्माण को बढ़ावा देता है।.